प्रयागराज महाकुंभ आस्था, भक्ति और सेवा का अद्भुत संगम बन गया है। इस बार का महाकुंभ 2025 अब तक के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक बन गया है। यहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के त्रिवेणी संगम पर अभी तक 58 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु पवित्र स्नान कर चुके हैं। मकर संक्रांति से लेकर महाशिवरात्रि
तक होने वाले 45 दिन के इस महाकुंभ के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से काफी अच्छी व्यवस्था की गई है। यहां की योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से कहा गया कि इस महाकुंभ में यहां 45 से 50 करोड़ लोग पवित्र स्नान के लिए आ सकते हैं। लेकिन समापन से 10 दिन पहले ही आंकड़ा इसके पार हो गया।एक तरह से कह सकते हैं कि 140 करोड़ की आबादी वाले इंडिया में अगर 100 करोड़ भी हिंदू हैं, तो प्रयाग महाकुंभ में आधी से ज्यादा हिंदू आबादी यहां डुबकी लगा चुकी है। इस दिव्य, भव्य और डिजिटल महाकुंभ ने देश को एकता और समरसता का संदेश दिया है। यहां लोग जाति- धर्म, रंग, पंथ और अपनी विचारधारा को भूलकर विविधता में एकता के साथ पवित्र स्नान कर रहे हैं।
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उत्तर प्रदेश सरकार सोशल मीडिया |
इस महाकुंभ में पवित्र स्नान करने का मुझे भी मौका मिला। संगम नोज के पास त्रिवेणी में डुबकी लगाते ही एक अलग ही दिव्य अनुभव हुआ। एक के बाद एक पांच डुबकी लगाकर घर-परिवार के साथ देश-दुनिया के कल्याण के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। महाकुंभ स्नान के बाद संगम किनारे सेक्टर 19 में शंकराचार्य चौक के पास सिद्धपीठ हथियाराम मठ के शिविर में प्रवास का अवसर मिला। यहां परम पूज्य महामंडलेश्वर पवहारी महंत श्री भवानीनंदन यति जी महाराज जी से आशीर्वाद प्राप्त कर धन्य महसूस कर रहा हूं।
ये जरूर है कि महाकुंभ के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है। लेकिन सरकार की ओर से व्यवस्था भी काफी की गई है। संगम तट तक पहुंचने के लिए भले ही काफी पैदल चलना पड़ा हो, लेकिन इसका भी एक अलग ही आनंद है। जब आप सैकड़ों- हजारों लोगों के साथ हर-हर माहदेव, जय मां गंगे, जय श्री राम या राधे-राधे की गूंज के साथ आगे बढ़ते हैं तो आपके अंदर एक अलग ही ऊर्जा का संचार होता है। आप अपने-आप को एक अलग ही दुनिया में पाते हें और आपकी सारी थकावट संगम घाट पर एक डुबकी लगाते ही छूमंतर हो जाती है।
स्नान के लिए कई संगम घाट बनाए गए हैं। या यह कहिए कि प्रयागराज में 20-25 किलोमीटर के दायरे में नदी तट के दोनों तरफ पूरा का पूरा स्नान घाट ही हैं और आपको यहां हर तरफ स्नान करते श्रद्धालु दिख जाएंगे। पीठ पर बैकपैक, सिर- कंधे पर बैग या थैला लिए लोग घाट की ओर जाते दिख जाएंगे। इन लोगों की मदद के लिए सरकार की ओर से काफी इंतजाम किए गए हैं। पुलिस और प्रशासन के लोग हर जगह श्रद्धालुओं की मदद के लिए तत्पर दिख जाएंगे। वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग श्रद्धालुओं के लिए भी यहां विशेष इंतजाम किए गए हैं।
महाकुंभ में पहुंच रहे लाखों-करोड़ों लोगों को खाने-पीने में कोई परेशानी ना हो, इसके लिए मेला क्षेत्र में विभिन्न संस्थानों की ओर से सैकड़ों जगह भंडारे का आयोजन किया जा रहा है। अंबानी-अडानी से लेकर स्थानीय लोगों के साथ विभिन्न धार्मिक शिविरों में भोजन रसोई अन्न क्षेत्र बनाए गए हैं। इनमें सभी श्रद्धालुओं को निशुल्क भोजन कराए जा रहे हैं। पवित्र स्नान के साथ धर्म-कर्म और पुण्य कमाने के लिए लोग यहां श्रद्धालुओं की सेवा में भी जोर-शोर से जुटे हैं।
महाकुंभ में करोड़ों लोगों के आने के बाद भी आपको कहीं कोई गंदगी नहीं दिखाई देगी। साफ-सफाई और स्वच्छता की विशेष व्यवस्था की गई है। यहां रोज औसतन एक करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। फिर भी आपको हर तरफ साफ-सफाई दिखाई देगी। स्वच्छ कुंभ का संदेश देने के लिए प्रशासन की ओर से हजारों कर्मचारी तैनात किए गए हैं। गंदगी के निष्पादन के साथ जल के स्वच्छ-साफ बनाए रखने के लिए कई पहल किए गए हैं। महाकुंभ मेला क्षेत्र में हजारों जैव-शौचालय बनाए गए हैं।
इस महाकुंभ में हम-आप जैसे आम श्रद्धालु ही नहीं, बल्कि राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री भी त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगा चुके हैं। इतना ही नहीं कई केंद्रीय मंत्रियों के साथ कई राज्यों के मुख्यमंत्री और राज्यपाल भी संगम में डुबकी लगा चुके हैं। बॉलीवुड और खेल जगत के कई प्रमुख हस्तियों ने भी इस महाकुंभ में पवित्र स्नान किए हैं।
इस महाकुंभ के दौरान लगाए गए प्रमुख धर्मगुरुओ के शिविर में प्रवचन के भी आयोजन किए गए हैं। श्रद्धालु यहां संगम में स्नान के बाद धार्मिक-आध्यात्मिक प्रवचन का आनंद ले खुद को धन्य समझते हैं। यहां आकर उन्हें शंकराचार्य, महामंडलेश्वर या महंत जैसे धर्मगुरुओं से आशीर्वाद लेने का भी मौका मिलता है। यहां उन्हें कई जगह प्राचीन धर्मग्रंथों और वैदिक दर्शन के साथ सनातन धर्म की चर्चा का भी रस लेने का अवसर मिलता है।
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महाकुंभ मेले में सरकार और विभिन्न संस्थाओं की ओर से शास्त्रीय नृत्य, लोक संगीत और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजन किए जा रहे हैं। देश-विदेश और विभिन्न राज्यों से आए कलाकार लोक नृत्यों के जरिए देश की परंपराओं का प्रदर्शन कर रहे हैं। संस्कृति मंत्रालय की ओर से महाकुंभ मेला क्षेत्र के सेक्टर-7 में एक सांस्कृतिक गांव कलाग्राम की स्थापना की है। यहां 12 ज्योतिर्लिंगों और चार-धाम की थीम पर कलाकृति बनाए गए हैं।
अगर आप अभी तक संगम स्नान के लिए नहीं गए हैं तो 26 फरवरी महाशिवरात्रि तक यहां जाकर डुबकी लगा सकते हैं। आध्यात्मिक और सांस्कृतिक एकता के प्रतीक इस महाकुंभ 2025 में शामिल होकर इस जीवंत उत्सव में अपनी भागीदारी दर्ज करा सकते हैं।
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