पार्वती हिल पुणे का एक फेमस जगह है। यहां करीब 2100 फीट की ऊंचाई से पुणे शहर का शानदार नजारा दिखता है। लोग यहां सुबह और शाम में सूर्योदय और सूर्यास्त देखने भी आते हैं। यहां आते ही आप एक अलग ही तरह का सुकून महसूस करेंगे। पार्वती हिल्स की चोटी पर एकांत में कई प्रेमी जोड़े भी बैठे मिल जाएंगे।
पुणे का पार्वती हिल्स देवदेवेश्वर मंदिर, विष्णु नारायण मंदिर, गणेश मंदिर और कार्तिकेय मंदिर के लिए भी प्रसिद्ध है। बताया जाता है कि ये मंदिर 17वीं शताब्दी में बने हैं। इसका निर्माण नानासाहेब पेशवा ने 1749 में करवाया था। यानी इन मंदिरों के बने पौने तीन सौ साल से अधिक हो गए हैं और भी लगता है जैसे कल ही बने हो। यहां के सभी मंदिर काफी भव्य और दिव्य हैं।
यहां पहुंचने के लिए सौ से भी अधिक सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। ऊपर आते वक्त बीच में ब्रेक भी लेना पड़ जाता है। रास्ते में सुस्ताते हुए आप शहर के मनोरम दृश्य को भी देख सकते हैं। पेड़ और झाड़ियों के बीच से पुणे शहर काफी सुंदर दिखता है।
पार्वती हिल्स पर मंदिरों के साथ एक म्यूजियम भी है। म्यूजियम में जाने के लिए 20 रुपये का टिकट लगता है। यहां पेशवा काल के प्राचीन वस्तुओं का अच्छा खासा संग्रह है। यहां आप प्राचीन पांडुलिपियों के साथ पुराने बर्तनों, तलवारों, बंदूकों, सिक्कों और चित्रों को भी देख सकते हैं। यहां प्राचीन सिक्कों का कुछ ज्यादा ही संग्रह है। इतिहास के विद्यार्थियों के लिए भी यह एक बढ़िया जगह है।
यहां पहाड़ी पर मौसम बहुत सुहाना रहता है, लेकिन गर्मी में दिन के समय पत्थर गर्म हो जाने से आपको परेशानी भी हो सकती है। यहां आने के लिए सुबह और शाम का समय सबसे बेहतर है। अगर आप इस समय नहीं आ सकते हैं तो सितंबर से फरवरी के बीच का मौसम यहां आने के लिए सबसे अच्छा है। पार्वती हिल्स पर स्थित मंदिर सुबह 5 बजे से रात 8 बजे तक खुले रहते हैं। पूर्णिमा के दिन यहां श्रद्धालुओं की काफी भीड़ रहती है।
कैसे पहुंचे-
यहां आना भी काफी आसान है। आप शहर के किसी भी इलाके से यहां आसानी से पहुंच सकते हैं। बस, ऑटो या अपनी गाड़ी से यहां आराम से पहुंच सकते हैं। अगर आप बाहर से यहां आना चाहते हैं तो पुणे देश के सभी बड़े शहरों से रेल, सड़क और वायु मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। अगर आप पुणे में हैं तो पार्वती हिल्स पर स्थित मंदिरों में पूजा-अर्चना के लिए आपको जरूर आना चाहिए।
कब पहुंचे-
पुणे में गर्मी में दिन के समय तापमान कुछ ज्यादा रहता है। इसलिए यहां घूमने का सबसे अच्छा समय सितंबर से फरवरी के बीच का रहता है। वैसे तो आप मंदिर में दर्शन के लिए किसी भी दिन पहुंच सकते हैं लेकिन मंदिर जाने के लिए सुबह और शाम का समय सबसे अच्छा रहता है। इसलिए किसी भी मौसम में आप मंदिर में दर्शन के लिए यहां आराम से जा सकते हैं।
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-हितेन्द्र गुप्ता
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