हरिद्वार यानी हरि तक पहुंचने का द्वार। ईश्वर को जानना, समझना और पाना चाहते हैं तो आप जो यात्रा शुरू करेंगे उसकी शुरुआत हरिद्वार से होगी। हरि को पाने का रास्ता आपको यहीं से मिलेगा। हरिद्वार से ही हिंदू धर्म के चार धाम- केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमनोत्री की यात्रा शुरू होती है।
हरिद्वार देश के सबसे पवित्र शहरों में से एक है। यह हिंदुओं का एक प्रमुख तीर्थस्थल है। हिमालय की घाटियों में गंगा किनारे बसा यह शहर आस्था का एक प्रमुख केंद्र है।मां गंगा पहाड़ से धरती पर हरिद्वार में ही अवतरित होती हैं। गंगा भले ही हिमालय पर्वत के गंगोत्री से निकलती है लेकिन पर्वत से धरती पर हरिद्वार में ही प्रकट होती हैं। इस कारण यहां दुनिया भर से लोग यहां पवित्र गंगा नदी में डुबकी लगाने आते हैं। मान्यता है कि यहां डुबकी लगाने से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। हरिद्वार में बारह साल में कुंभ और छह साल में अर्धकुंभ मेले का आयोजन किया जाता है।हरिद्वार में आजकल पवित्र कुंभ मेले का आयोजन हो रहा है। अगर आप हरिद्वार नहीं गए हैं तो अभी जा सकते हैं। लेकिन आजकल कोरोना महामारी के कारण विशेष सतर्कता बरती जा रही है। आप 72 घंटे पहले तक का कोरोना निगेटिव का रिपोर्ट लेकर यहां जा सकते हैं। यहां पहुंचने पर कोरोना प्रोटोकाल का पालन जरूर करें। दो गज की दूरी बरतें और मास्क जरूर लगाएं।
हर की पौड़ी
हरिद्वार में गंगा किनारे सबसे प्रसिद्ध घाट है- हर की पौड़ी। मां गंगा पहाड़ से उतरने के बाद हरिद्वार में जहां समतल जमीन से मिलती हैं वह है हर की पौड़ी। यहां स्नान करने से सभी पापों और कष्टों से मुक्ति तो मिलती ही है, पुण्य की वर्षा भी होती है। इस घाट पर प्रतिदिन सुबह-शाम गंगा आरती होती है, लेकिन शाम की आरती के समय माहौल एकदम दिव्य होता है। सारा वातावरण भक्तिपूर्ण होता है। लोग यहां गंगा आरती के समय दीपदान भी करते है। ये दीये जब गंगा नदी में बहते हैं तो एक अद्भत छटा बिखेरती है। यहां घाट के पास ही कई मंदिर हैं जहां भक्त स्नान करने के बाद पूजा अर्चना करते हैं।
चण्डी देवी मंदिर
हरिद्वार में गंगा किनारे नील पर्वत की चोटी पर चण्डी देवी मंदिर है। यहां पैदल या ट्राली के जरिए जा सकते हैं। यहां भी श्रद्धालुओं की काफी भीड़ रहती है। हरिद्वार आने वाले श्रद्धालु यहां भी जरूर आते हैं। यहां ऊपर से हरिद्वार का मनोरम दृश्य मन मोह लेता है। यह हिंदू धर्म के शक्तिपीठ में से एक है।
मनसा देवी मंदिर
पास ही में बिलवा पर्वत पर प्राचीन मनसा देवी मंदिर है। यह मंदिर भी देश के 51 शक्तिपीठों में से एक है। आप यहां से भी हरिद्वार के विहंगम दृश्य का आनंद ले सकते हैं। यहां से पूरे शहर और गंगा नदी की धारा को देखकर मन प्रसन्न हो जाता है। एक अलग ही अनुभूति होती है। आप यहां पैदल या रोपवे से जा सकते हैं। यहां भी श्रद्धालुओं की काफी भीड़ रहती है।
कैसे पहुंचे हरिद्वार-
हरिद्वार देश का एक प्रमुख तीर्थस्थल है। यह देश के सभी प्रमुख स्थलों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। यह रेल और सड़क मार्ग से अच्छी तरह कनेक्टेड है। आप यहां दिल्ली से रेल और सड़क दोनों से पहुंच सकते हैं। वायु मार्ग से आने के लिए आपको देहरादून के जॉली ग्रांट एयरपोर्ट उतरना होगा, फिर वहां से हरिद्वार आना होगा। एयरपोर्ट करीब 38 किलोमीटर दूर है।
कब पहुंचे हरिद्वार-
हरिद्वार में फरवरी से मार्च और सितंबर से नवंबर तक का मौसम काफी अच्छा रहता है। इस दौरान यहां घूमने का आनंद ही कुछ और रहता है।
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Bahut sundar coverage.
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद
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