राजस्थान में शेखावाटी इलाके के सीकर जिले में है खाटू श्याम धाम। यहां भगवान श्रीकृष्ण के कलयुगी अवतार खाटू श्यामजी की दुनियाभर में प्रसिद्ध मंदिर है। बचपन से ही श्री खाटू श्याम जी भगवान के दर्शन की इच्छा थी और जब पता चला कि हमारे यहां से एक बस खाटू जी जा रही है, तो खुद को रोक ना सका। शनिवार की रात
दिल्ली से सभी लोग रवाना हुए और सोमवार सुबह वहां पहुंच गए। भगवान श्री खाटू श्याम जी के दिव्य दर्शन से खुद को धन्य महसूस किया।
पहले श्री खाटू श्याम जी भगवान के बारे में पूरी कहानी नहीं जानते थे। यहां दर्शन के बाद हारे का सहारा भगवान श्री खाटू श्याम जी के बारे में पता चला। संक्षेप में कहानी यह है कि खाटू में महाभारत काल के भीम के पौत्र और घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक की पूजा खाटू श्यामजी भगवान के रूप में की जाती है। महाभारत युद्ध के समय जब कृष्ण भगवान को पता चला कि महावीर बर्बरीक युद्ध में उस पक्ष का साथ देने जा रहे हैं जो हारने वाला है, तो उन्होंने बर्बरीक से उनका शीश दान मांग लिया। घटोत्कच पुत्र वीर बर्बरीक ने हंसते-हंसते अपना शीश भगवान श्री कृष्ण को दे दिया। इससे खुश होकर भगवान कृष्ण ने वीर बर्बरीक को वरदान दिया कलयुग में तुम्हारी पूजा श्याम-कृष्ण के रूप में होगी। हर घर में मेरे नाम श्याम के रूप में तुम्हारी पूजा होगा। तुम्हारी पूजा करने वाले सभी लोगों की मनोकामना पूर्ण होगी। भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें कहा कि तुम अपने दरबार खाटू में हारे के सहारे बनोगे और तुम्हारे स्मरण मात्र से ही लोगों का कल्याण होगा। उन्हें धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होगी।
तभी से हारे का सहारा श्री खाटू श्याम जी भगवान के दर्शन के लिए यहां रोज हजारों लोग आते हैं। यह भी कहा जाता है कि देश-दुनिया के मारवाड़ी यहां मुंडन संस्कार के लिए जरूर आते हैं। राजस्थान के खाटू जी में बर्बरीक खाटू श्याम जी के मस्तक स्वरूप की पूजा होती है, जबकि पास के रींगस में धड़ स्वरूप की पूजा की जाती है। भक्त भगवान खाटू जी श्याम को हारे का सहारा, लखदातार, मोरवीनंदन, खाटू नरेश, खाटू बाबा, खाटू श्याम नाम से भी पुकारते हैं।
श्री खाटू श्याम जी मंदिर में दर्शन का समय
श्री खाटू श्याम जी मंदिर का पट गर्मी में सुबह 4.30 बजे और सर्दी में 5.30 बजे खुल जाता है। यह गर्मी में दोपहर 12.30 बजे और सर्दी में एक बजे तक खुला रहता है। इसके बाद यह गर्मी में दोपहर बाद 4 बजे रात 10 बजे तक और सर्दी में 5 बजे से रात 9 बजे तक खुला रहता है। श्री खाटू श्याम जी मंदिर हर ग्यारस पर चौबीसों घंटे खुला रहता है।
श्री खाटू श्याम जी मंदिर आरती समय
सुबह मंदिर खुलते ही मंगला आरती होती है। इसके बाद सात बजे श्रृंगार आरती होती है। श्रृंगार आरती में भगवान श्री खाटू श्याम जी का फूलों से श्रृंगार किया जाता है और गहने पहनाए जाते हैं। फिर दोपहर सवा बारह बजे भगवान को भोग लगाने के साथ आरती की जाती है। संध्या आरती शाम छह से सात बजे के बीच होती है और आखिर में रात 9 बजे के करीब शयन आरती होती है। इसके बाद मंदिर के पट को बंद कर दिया जाता है।
श्याम कुंड
मुख्य मंदिर के पास ही है श्याम कुंड। भक्तों के बीच यह भी आस्था का एक पवित्र केंद्र है। लोगों के बीच ऐसी मान्यता है कि इस श्याम कुंड में जो भी नहाता है, उसके सारे पाप धुल जाते हैं। यहां पुरुष और महिलाओं के स्नान के लिए अलग-अलग कुंड है।
कैसे पहुंचे श्री खाटू श्याम जी मंदिर
श्री खाटू श्याम जी मंदिर सीकर जिले के खाटू में है। आप यहां बस, कार से देश के सभी हिस्सों से आसानी से पहुंच सकते हैं। यह जयपुर से 80 किलोमीटर और दिल्ली से करीब 300 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। पास का रेलवे स्टेशन रिंग्स करीब 18 किलोमीटर दूर है। हवाई जहाज से आने पर आपको जयपुर या दिल्ली आना होगा। फिर वहां से बस या ट्रेन से खाटू जी पहुंचना होगा।
दिल्ली से सभी लोग रवाना हुए और सोमवार सुबह वहां पहुंच गए। भगवान श्री खाटू श्याम जी के दिव्य दर्शन से खुद को धन्य महसूस किया।
पहले श्री खाटू श्याम जी भगवान के बारे में पूरी कहानी नहीं जानते थे। यहां दर्शन के बाद हारे का सहारा भगवान श्री खाटू श्याम जी के बारे में पता चला। संक्षेप में कहानी यह है कि खाटू में महाभारत काल के भीम के पौत्र और घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक की पूजा खाटू श्यामजी भगवान के रूप में की जाती है। महाभारत युद्ध के समय जब कृष्ण भगवान को पता चला कि महावीर बर्बरीक युद्ध में उस पक्ष का साथ देने जा रहे हैं जो हारने वाला है, तो उन्होंने बर्बरीक से उनका शीश दान मांग लिया। घटोत्कच पुत्र वीर बर्बरीक ने हंसते-हंसते अपना शीश भगवान श्री कृष्ण को दे दिया। इससे खुश होकर भगवान कृष्ण ने वीर बर्बरीक को वरदान दिया कलयुग में तुम्हारी पूजा श्याम-कृष्ण के रूप में होगी। हर घर में मेरे नाम श्याम के रूप में तुम्हारी पूजा होगा। तुम्हारी पूजा करने वाले सभी लोगों की मनोकामना पूर्ण होगी। भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें कहा कि तुम अपने दरबार खाटू में हारे के सहारे बनोगे और तुम्हारे स्मरण मात्र से ही लोगों का कल्याण होगा। उन्हें धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होगी।
तभी से हारे का सहारा श्री खाटू श्याम जी भगवान के दर्शन के लिए यहां रोज हजारों लोग आते हैं। यह भी कहा जाता है कि देश-दुनिया के मारवाड़ी यहां मुंडन संस्कार के लिए जरूर आते हैं। राजस्थान के खाटू जी में बर्बरीक खाटू श्याम जी के मस्तक स्वरूप की पूजा होती है, जबकि पास के रींगस में धड़ स्वरूप की पूजा की जाती है। भक्त भगवान खाटू जी श्याम को हारे का सहारा, लखदातार, मोरवीनंदन, खाटू नरेश, खाटू बाबा, खाटू श्याम नाम से भी पुकारते हैं।
श्री खाटू श्याम जी मंदिर में दर्शन का समय
श्री खाटू श्याम जी मंदिर का पट गर्मी में सुबह 4.30 बजे और सर्दी में 5.30 बजे खुल जाता है। यह गर्मी में दोपहर 12.30 बजे और सर्दी में एक बजे तक खुला रहता है। इसके बाद यह गर्मी में दोपहर बाद 4 बजे रात 10 बजे तक और सर्दी में 5 बजे से रात 9 बजे तक खुला रहता है। श्री खाटू श्याम जी मंदिर हर ग्यारस पर चौबीसों घंटे खुला रहता है।
श्री खाटू श्याम जी मंदिर आरती समय
सुबह मंदिर खुलते ही मंगला आरती होती है। इसके बाद सात बजे श्रृंगार आरती होती है। श्रृंगार आरती में भगवान श्री खाटू श्याम जी का फूलों से श्रृंगार किया जाता है और गहने पहनाए जाते हैं। फिर दोपहर सवा बारह बजे भगवान को भोग लगाने के साथ आरती की जाती है। संध्या आरती शाम छह से सात बजे के बीच होती है और आखिर में रात 9 बजे के करीब शयन आरती होती है। इसके बाद मंदिर के पट को बंद कर दिया जाता है।
श्याम कुंड
मुख्य मंदिर के पास ही है श्याम कुंड। भक्तों के बीच यह भी आस्था का एक पवित्र केंद्र है। लोगों के बीच ऐसी मान्यता है कि इस श्याम कुंड में जो भी नहाता है, उसके सारे पाप धुल जाते हैं। यहां पुरुष और महिलाओं के स्नान के लिए अलग-अलग कुंड है।
कैसे पहुंचे श्री खाटू श्याम जी मंदिर
श्री खाटू श्याम जी मंदिर सीकर जिले के खाटू में है। आप यहां बस, कार से देश के सभी हिस्सों से आसानी से पहुंच सकते हैं। यह जयपुर से 80 किलोमीटर और दिल्ली से करीब 300 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। पास का रेलवे स्टेशन रिंग्स करीब 18 किलोमीटर दूर है। हवाई जहाज से आने पर आपको जयपुर या दिल्ली आना होगा। फिर वहां से बस या ट्रेन से खाटू जी पहुंचना होगा।
आपको भी जब मौका मिले यहां जरूर जाइएगा। मन को असीम शांति मिलेगी। यहां आप स्थानीय राजस्थानी खाने का भी लुत्फ उठा सकते हैं।
हारे का सहारा, बाबा श्याम हमारा।
जय श्री खाटू श्याम जी महाराज।
-हितेन्द्र गुप्ता
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